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“संघर्ष के सफर में महासंघ का उदय और सफलता की दस्तक”

अत्यन्त हर्ष एवं गर्व का विषय है कि ’’राजस्थान निजी सहायक संवर्ग महासंघ’’ की स्थापना के तीन वर्ष पूर्ण होने के शुभ अवसर पर संवर्ग साथियो के लिये बहु उपयोगी वेबसाईट का निर्माण किया गया है, जिसमें शासन सचिवालय, राज्यपाल सचिवालय, विधनसभाग, समस्त अधीनस्थ राजकीय विभाग, बोर्ड, निगम, न्यायालय आदि में कार्यरत निजी सहायक संवर्ग साथियों से संबधित सम्पर्क सूत्र, सेवा सम्बन्धी विवरण तथा अन्य बहु उपयोगी जानकारी के साथ ही विगत तीन वर्ष के कार्यकाल मे महासंघ के सतत् संघर्ष तथा संवर्ग की मांगों पर प्रथम बार मिली ऐतिहासिक सफलता आदि का भी समावेश किया गया है, जो महासंध की प्रथम/वर्तमान कार्यकारिणी का ऐतिहासिक एवं सराहनीय प्रयास है।

यहाँ यह भी स्पष्ट किया जाना आवश्यक है कि महासंघ के प्रयासों से पहली बार हुए कैडर रिव्यु के कारण वर्तमान में काफी पदोन्नतियां हो रही है और कम से कम आगामी एक वर्ष तक इसी तरह से पदोन्नतियां होती रहेंगी। पदोन्नति के पांचवे पद "प्रमुख निजी सचिव" सृजित कराने आदि के लिए भी महासंघ के प्रयास जारी है। ऐसी स्थिति में रंगीन फोटो युक्त स्मारिका के प्रकाशन को फिलहाल स्थगित करते हुए कैडर की वेबसाइट तैयार करने का निर्णय लिया गया। यह निर्णय एकदम सही निर्णय है। वेबसाईट बनने से कैडर से संबंधित समस्त जानकारी कैडर के साथियों को घर बैठे अपने मोबाईल पर ही जब चाहें तब उपलब्ध हो सकती है। साथ ही इसे समय-समय पर अपडेट भी किया जाता रहेगा। सच में वेबसाईट निर्माण का प्रदेश अध्यक्ष जी का निर्णय बहुत ही सही और दूरदर्शी है। यह भी उल्लेखनीय है कि महासंघ के पास कैडर के सभी साथियो की वर्तमान में उपलब्ध सूचना सुरक्षित है एवं सभी साथी चाहेंगे तो रंगीन फोटो युक्त स्मारिका का प्रकाशन भी कर लिया जाएगा।

प्रशासन मे निजी सहायक की भूमिका
यह सर्व विदित है कि राज्य प्रशासन के कुशल संचालन मे अधिकारियों के सहयोगी के रूप में उनके अधीन निजी सहायक संवर्ग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, जिसका इस संवर्ग के कार्मिकों द्वारा दक्षतापूर्वक निर्वहन किया जाता रहा है। वर्तमान युग विज्ञान, तकनीक तथा इलेक्ट्रॉनिक्स का युग है, जिसमें कार्य सम्पादन के प्रत्येक क्षेत्र मे गति (speed of work disposal) का अत्यधिक महत्व है, परन्तु यदि मानव शक्ति द्वारा गति के साथ ही दक्षता व निष्ठापूर्वक प्रशासनिक कार्य सम्पादन की बात की जाये तो निजी सहायक की भूमिका अति महत्वपूर्ण व अपरिहार्य है अर्थात् सच्चे अर्थों मे वह प्रशासन की धुरी है। निजी सहायक संवर्ग का कार्मिक ’’निजी स्थापना’’ (Personal Staff) की श्रेणी मे आता है, जिसका मूल आधार उसकी सत्यनिष्ठा (Integrity), वफादारी (Loyalty), शीघ्र व दक्षतापूर्वक कार्य सम्पादन, गोपनीयता (Secrecy), सुरक्षा (Security), कर्तव्यपरायणता (Sincerity) है, जिसकी पुष्टि निम्नांकित तथ्यों से होती है-

  • असीमित कार्य एवं कर्तव्य।
  • कार्यालय व्यवस्था बनाये रखना।
  • आगन्तुकों से सद्व्यवहार, उनकी समस्या के समाधान में यथासम्भव सहयोग करना, दूरभाष पर नियन्त्रण, अधिकारी व अधीनस्थ कार्यालयों के मध्य समन्वय आदि।
  • अधिकारी से संबंधित रिकॉर्ड संधारण, श्रुति लेखन व पत्राचार, मिटिंग्स की डिक्टेशन लेकर उसकी मिनिट्स तैयार करना व अनुपालना सुनिश्चित करवाना आदि।

महासंघ की पृष्ठभूमि व कार्य परिणाम
विगत मे निजी सहायक संवर्ग के हितों की रक्षा तथा संवर्ग की मांगों को प्रशासन व सरकार तक पहुंचाने तथा पूर्ण करवाने के प्रयोजनार्थ कैडर के विभिन्न संगठन प्रयासरत रहे । ये अलग बात है कि अधिकतर संगठन जिला स्तर पर ही सक्रिय थे। सभी संगठनों के पदाधिकारियों ने अपनी क्षमता के अनुसार कैडर की मांगों को पूरा कराने का हरसम्भव प्रयास किया, परन्तु एकजुटता, समन्वय तथा जागरूकता की कमी, सही दिशा में पहल नहीं कर पाने आदि कारणों से पूर्व संगठन लक्ष्य प्राप्ति में सफल नहीं हो पाये, जिसके कारण निजी सहायक संवर्ग के कार्मिक अन्य मंत्रालयिक कार्मिकों की तुलना में पदोन्नति में पिछड़ते ही चले गये, निजी सहायक संवर्ग के कार्मिक बिना एक भी पदोन्नति के सेवानिवृत्त होने की पीड़ा को सहन करते रहे, ऐसी स्थिति में कुछ जागरूक साथियों ने कैडर हित में पहल करते हुए सभी संगठनों के मध्य समन्वय बिठाने का प्रयास करते हुए ’’संयुक्त संघर्ष समिति’’ का गठन किया गया, जिसमें सभी संगठनों से जुड़े हुए साथियों को पदाधिकारी मनोनीत किया गया और इसी समिति के बैनर पर राज्य सरकार का ध्यान खींचने के लिए वर्ष 2017 में संवर्ग की प्रथम राज्य स्तरीय रैली का सफलतम आयोजन जयपुर में किया गया, हालांकि इस रैली का फायदा संवर्ग को नहीं मिल पाया। इसी कारण कुछ समय बाद ही उक्त समिति में बिखराव शुरू हो गया, परिणामस्वरूप एक और ’’संघर्ष समिति’’ का गठन हो गया।
वर्ष 2018 में सरकार द्वारा मंत्रिमण्डलीय उप समिति का गठन किया गया, जिसने मांगों पर वार्ता के लिए प्रत्येक संगठन को आमंत्रित किया। कैडर की दोनों समितियों के अतिरिक्त जिला स्तर पर सक्रिय 1-2 संगठनों ने भी अपनी ओर से अलग-अलग ज्ञापन प्रस्तुत कर वार्ता में हिस्सा लिया। हालांकि छोटे से अपने कैडर में सरकार से वार्ता में अलग-अलग संगठनों का भाग लेना उचित नहीं था, किन्तु हर कोई अपना अस्तित्व बनाये रखना चाहता था। यह भी सत्य है कि सरकार में इसका अच्छा संदेश नहीं गया। खैर चुनाव आचार संहिता लगने से पूर्व मंत्रिमण्डलीय समिति से हुई वार्ता में कुछ मांगों पर सैद्धांतिक सहमति बनी, सफलता मिलने की कुछ उम्मीद भी बनी थी, लेकिन एक बार फिर समन्वय की कमी, श्रेय लेने की आपसी प्रतिस्पर्धा आदि के कारण सफलता के करीब जाकर भी खाली हाथ रह गये और अन्तिम निर्णय होता उससे पहले ही चुनाव आचार संहिता लग गई, चुनाव में भाजपा सरकार के हारने के साथ ही मंत्रिमण्डलीय उपसमिति का सुझाव सरकारी पत्रावलियों में दफन हो गया।
महासंघ का उदय और सफलता की दस्तक
असफलता की इस पृष्ठभूमि में तीन वर्ष पूर्व तत्समय क्रियाशील संघर्ष समिति के अस्तित्व को समाप्त करने का निर्णय लेते हुए एक और नवीन संगठन गठित करने का निर्णय लेने हेतु सोशल मीडिया पर कई महीनों तक चर्चा कर सभी का मत जाना और फिर दिनांक 05 सितम्बर, 2020 को कैडर के जागरूक साथी श्री नवीन पारीक के निवास पर कोरोनाकाल के कारण सीमित संख्या में आमसभा की बैठक आयोजित की गई, जिसमें तत्कालीन पदाधिकारियों एवं संवर्ग साथियों की सर्वसम्मति से संघर्ष समिति के अस्तित्व को समायोजित करते हुए ’’राजस्थान निजी सहायक संवर्ग महासंघ’’ का गठन किया गया। श्री रमन पारीक नवगठित महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष पद पर निर्विरोध निर्वाचित हुए। श्री पारीक द्वारा नवीन संगठन में जान फूंकने के लिए रचनात्मक तरीके से जबरदस्त शुरूआत करते हुए सोशल मीडिया, प्रिंट एवं इलेक्ट्रिोनिक मीडिया का सदुपयोग कर महासंघ को स्थापित करने में सारी ताकत लगा दी। नवीन महासंघ को उद्योग विभाग से पंजीकृत करवाकर राष्ट्रीय बैंक में खाता खोला, महासंघ का पैनकार्ड भी बनवाया, प्रतिवर्ष ऑडिट करवाकर साथियों के अवलोकन के लिए साझा किया गया, कुल मिलाकर पूर्ण ईमानदारी और पारदर्शिता अपनायी गयी।
विगत तीन वर्ष के कार्यकाल मे प्रदेश अध्यक्ष श्री पारीक जी ने ’’संघे शक्ति कलियुगे’’ की कहावत को चरितार्थ करते हुए पूर्व मे विद्यमान संवर्ग के विभिन्न संगठनों को एकता के सूत्र मे पिरोया, सभी वरिष्ठ एवं युवा साथियों को साथ लेकर चले, जिलों के दौरे किये, कैडर के प्रत्येक साथी से व्यक्तिगत संवाद स्थापित किया, सौहार्द्धपूर्ण वातावरण तैयार किया, महासंघ की प्रदेश स्तरीय प्रथम कार्यकारिणी में वरिष्ठ एवं अनुभवी साथियों को सम्मानजनक पद देते हुए युवाओं को भी संगठन में भागीदारी का मौका देकर न सिर्फ उचित तालमेल बिठाया बल्कि युवाओं की उर्जा का सदुपयोग किया, जिला स्तरीय कार्यकारिणी का गठन किया हुआ, जिसके कारण राज्य सरकार के सम्मुख कैडर की मांगो को प्रभावी तरीके से रखा गया। प्रदेश अध्यक्ष के प्रभावी नेतृत्व में उठाये गए रचनात्मक कदमो से संवर्ग की अलग पहचान स्थापित हुई। जागरूक, उर्जावान श्री पारीक ने अपने संघर्षशाील, समर्पित व कुशल नेतृत्व में सफलता के नये कीर्तिमान स्थापित करते हुये संगठन व संवर्ग साथियों के समन्वित प्रयासों से संवर्ग की वर्षों पुरानी मांग के लिए कैडर के सभी संगठनों तथा वरिष्ठ साथियों द्वारा किये गये संघर्ष को आगे बढाते हुए निम्नांकित सफलताएं हासिल करते हुए कैडर हित में कई कार्य किये-

  • निजी सहायक संवर्ग के पदों पर अन्य कैडर के कार्मिकों का पदस्थापन नहीं करने हेतु कार्मिक एवं राजस्व विभाग से परिपत्र जारी करवाया।
  • निजी सहायक संवर्ग के पदों की डीपीसी नियमित रूप से निर्धारित समय पर प्राथमिकता से करने हेतु कार्मिक विभाग से लगातार दो बार समस्त विभागों को पत्र जारी करवाया।
  • कैडर का पहली बार पुनर्गठन, पदोन्नति पदों एवं अवसरों में बढोत्तरी करवायी।
  • वरिष्ठ निजी सचिव पदनाम से नवीन उच्च पद स्वीकृत करवाया।
  • शीघ्रलिपिक का पदनाम निजी सहायक करवाया।
  • 1211 रिक्त पदों पर भर्ती का कार्य पूर्ण करवाया।
  • नवनियुक्त निजी सहायक साथियों हेतु ओटीएस के माध्यम से प्रथम राज्य स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन करवाया गया जो की संवर्ग के लिये ऐतिहासिक सफलता है।
  • सफलता की इसी कड़ी मे संवर्ग की शेष मांगों (पांचवा पदोन्नति पद, संवर्ग के सभी पदों का स्पष्ट कार्य निर्धारण, आदि) को पूरा करवाने के प्रयास जारी हैं।

महासंघ के वर्तमान कुशल नेतृत्व में गत तीन वर्ष में कैडर हित में हुए कार्यों/प्रयासों से कैडर का प्रत्येक साथी प्रसन्न है तथा महासंघ के साथ एकजुटता के साथ खड़ा है। हमें यह कहते हुए प्रसन्नता हो रही है कि आज कैडर हित में प्रदेश स्तर पर केवल महासंघ ही सक्रिय है, जिसके कारण कागजी संगठन स्वतः ही अदृश्य हो गये हैं, यह कैडर हित में अच्छा संकेत है।

एक बार पुनः हम महासंघ के प्रदेश एवं जिला स्तरीय पदाधिकारियों तथा नवनियुक्त संवर्ग साथियों को हार्दिक बधाई देते हुए कैडर के उज्जवल भविष्य हेतु शुभकामनाएं प्रेषित करते हैं।

सादर।

शुभेच्छु

रामावतार यादव
वरिष्ठ निजी सचिव
राज्य बीमा विभाग
राजेश माथुर
वरिष्ठ निजी सचिव
कोष एवं लेखा विभाग
अशोक कुमार जैन
वरिष्ठ निजी सचिव
वन विभाग
गिरीश जैन
वरिष्ठ निजी सचिव
सूचना एवं जनसम्पर्क
मो0 हबीब खान
निजी सचिव
अभियोजन विभाग।
महेश कुमार शर्मा
निजी सचिव
कृषि विभाग।
बनवारी लाल शर्मा
निजी सचिव
पुलिस विभाग
रजनीश शर्मा
वरिष्ठ निजी सचिव
सार्वजनिक निर्माण